Tuesday, February 23, 2010

दाग धब्बे छुड़ाने की विधियाँ

दाग धब्बे छुड़ाने की विधियाँ
हमारे दैनिक जीवन में वस्त्र बहुत आवश्यक हैं और उनसे भी आवश्यक है उनकी देखभाल। वस्त्रों को कितनी ही सावधानी से रखा जाये लेकिन उन पर दाग-धब्बे लग ही जाते हैं जो वस्त्रों की सुन्दरता को खराब कर देते हैं। कपड़ों पर दाग किसी वाह्य वस्तु के संपर्क में आने से लगते हैं। कुछ धब्बे तो पानी व साबुन के प्रयोग से धोकर ही छूट जाते हैं लेकिन कुछ धब्बों को रसायनों के प्रयोग से छुड़ाया जाता है। धब्बों को छुड़ाने की विधि धब्बे की प्रकृति व वस्त्र में मिश्रित तत्व एवं रंग पर निर्भर करती है। धब्बे की प्रकृति धब्बे को देखकर, छूकर, सूँघकर व उसके रंग के अनुसार पता की जा सकती है। कपड़ों पर पड़ने वाले धब्बों की प्रकृति के आधार पर उनको निम्न भागों में बाँटा गया है:- 1) जीव-जन्तुओं से उत्पन्न धब्बे 2) वनस्पतियों द्वारा लगे धब्बे 3) ग्रीस के धब्बे 4) रंग के धब्बे 5) खनिज पदार्थों के धब्बे
1) जीव-जन्तुओं से उत्पन्न धब्बे :इस प्रकार के धब्बे दूध, अंडे, खून व माँस के लग जाने से लगते हैं। इन सब चीजों में प्रोटीन की मात्रा पायी जाती है इसलिए इन धब्बों को हटाते समय अधिक गर्म पानी का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
2) वनस्पतियों द्वारा लगे धब्बे :ये धब्बे चाय, कॉफी, फल व सब्जी द्वारा लगते हैं। इन धब्बों को हटाने के लिए क्षारीय पदार्थ की आवश्यकता होती है।
3) ग्रीस के धब्बे :ग्रीस के धब्बे के अन्तर्गत मक्खन, तेल, पेन्ट व कोलतार के धब्बे आते हैं। इन धब्बों को छुड़ाते समय ऐसे रसायनों का प्रयोग करना चाहिए जिसमें ग्रीस आसानी से घुल जाये या ऐसे पाउडर इस्तेमाल करें जैसे चॉक, टेलकम पाउडर, चोकर इत्यादि जो धब्बे को सोख लें।
4) रंग के धब्बे :रंग अम्लीय व क्षारीय दोनों प्रकृति के होते हैं। इसलिए इनको छुड़ाने के लिए इनकी प्रकृति के अनुसार ही रसायन का प्रयोग करना चाहिए।
5) खनिज पदार्थों के धब्बे :खनिज पदार्थों से लगे धब्बे में लोहे, स्याही व दवाइयों के धब्बे आते हैं। इन धब्बों में सबसे पहले अम्ल का प्रयोग करें व बाद में अम्ल को उदासीन करने के लिए क्षार का प्रयोग करें।
धब्बे छुड़ाते समय दो आवश्यक बातें ध्यान रखनी चाहिएः 1) कपड़े का रंग व संगटन। 2) धब्बे की प्रकृति व उम्र।
सामान्य निर्देश :1) हो सके तो धब्बों को ताजी अवस्था में ही शीघ्र छुड़ा लें। 2) कपड़े से दाग या धब्बे छुड़ाते समय कपड़े व धब्बे की प्रकृति के अनुसार ही रसायनों का प्रयोग करें। 3) अगर धब्बे की प्रकृति ज्ञात न हो तो सर्व प्रथम कम हानिकारक प्रक्रिया का प्रयोग करें अगर फिर भी दाग न छूटें तो तेज रसायनों का क्रमबद्ध तरीके से प्रयोग करें -- सबसे पहले वस्त्र को ठंडे पानी में भिगोयें। - उसके बाद गरम पानी में भिगोयें। - उसे खुली हवा में डाल दें। - किसी क्षारीय घोल का प्रयोग करें। - अम्लीय घोल का प्रयोग करें। - अगर दाग फिर भी न छूटे तो ब्लीच का प्रयोग करें। 4) रसायनों को सफेद या सूती लिनन के वस्त्र के ऊपर फैला दें व फिर उसके ऊपर गरम पानी डालें। 5) रंगीन लिनन, ऊन, रेशम व रेयॉन पर केवल घोलों का ही प्रयोग करें। 6) कपड़ों पर रसायन केवल उतनी देर तक ही रखना चाहिए जब तक धब्बा पूर्णतया छूट न जाये, इससे अधिक प्रयोग करने पर कपड़े का रंग खराब होने व फटने का भय रहता है। 7) दाग छुड़ाने के लिए स्पॉजिंग विधि का प्रयोग करें, इस विधि में धब्बे को बाहर से अन्दर की तरफ मलें ताकि वह और न फैले। 8) धब्बे को खुली हवा या खिड़की के पास ही छुड़ायें जिससे कि उत्पन्न होने वाले रसायन कमरे में न फैलें व बाहर निकल सकें। 9) ज्वलनशील रासायनिक पदार्थो जैसे एल्कोहॉल, पेट्रोल, स्प्रिट व बैन्जीन आदि का प्रयोग करते समय आग से बचने के लिए सावधानी रखें। विभिन्न धब्बे छुड़ाने की विधियाँ
क्र०सं०
दाग धब्बे
स्थिति
सफेद सूती एवं लिनन का कपड़ा
1.
स्याही
ताजा
1. दाग पर कटा टमाटर व नमक तब तक रगड़े जब तक दाग हट न जाए। 2. मट्ठे या दही में कपड़े को आधे घण्टे तक भिगोकर पानी एवं साबुन से धो दें। 3. नमक एवं नीबू का रस दाग पर लगाकर आधे घण्टे छोड़ दें। फिर साबुन एवं पानी से धोएँ।


सूखा
1. उपर्युक्त पहली एवं दूसरी प्रक्रिया को अधिक समय तक प्रयोग करें। 2. तनु ऑक्जेलिक एसिड में भिगोकर तनु बोरेक्स के घोल में धोकर निकाल लें।
2.
स्याही (बॉल प्वाइंट पेन)

दाग के नीचे ब्लॉटिग पेपर लगाकर मिथाइलेटेड स्प्रिट डालें।
3.
जंग

ऑक्जेलिक एसिड के घोल में भिगोकर तनु बॉरेक्स के घोल में धोएँ।
4.
लिपस्टिक

मिथाइलेटेड स्प्रिट में भिगोकर साबुन से धोएँ।
ग्लिसरीन में आधा घण्टा भिगोने के बाद धब्बे को साबुन व पानी से धोएँ।
5.
मिट्टी

सूखने दें एवं ब्रश से रगड़कर हटाएँ। साबुन व पानी से धोएँ। यदि दाग फिर भी रह जाए तो पोटैशियम परमैग्नेट तथा ऑक्जेलिक एसिड के घोल में धोएँ।
6.
नेलपेन्ट

रूई की सहायता से एमाइल एसिटेट को दाग लगे भाग पर लगाए। इस विधि का प्रयोग एसीटेट रेयॉन के कपड़े पर नहीं करना चाहिए।
7.
ऑयल पेन्ट तथा वॉर्निश

कैरोसीन में भिगोकर साबुन से धोएँ।
एल्कोहल में भिगोकर साबुन से धोएँ।
8.
बूट पॉलिश

1. यदि दाग सूखा हो तो खुरच कर निकाल दें। थोड़ी ग्रीस लगाकर गर्म पानी एवं साबुन से धो लें। 2. तारपीन के तेल में भिगोकर साबुन से धो लें।
9.
पसीने के दाग

ठंड़े पानी में भिगोएँ।
तनु अमोनिया के घोल में भिगोएँ।
दाग को गीला करके धूप से इसका विरंजन करें। जब तक दाग न छूटे उसे गीला ही रखना चाहिए।
जैवेल वॉटर से विरंजन करें।
10.
पेय पदार्थ (चाय, कॉफी)
ताजा
गर्म पानी को दाग पर डालें।
सूखा
बोरेक्स पाऊडर और गर्म पानी को दाग पर डालें।
ग्लिसरीन मे तब तक भिगोएँ जब तक कि दाग छूट न जाए। यदि फिर भी दाग न जाए तो जैवेल वॉटर से विरंजन करें।
11.
खून (प्रोटीन)
ताजा
ठंडे पानी में भिगोकर तनु अमोनिया में धोएँ।
सूखा
नमक व ठंडे पानी में तब तक भिगोएँ जब तक कि दाग हट न जाए।
12.
कत्था एवं पान का दाग
ताजा
पहले तनु पोटैशियम परमैग्नेट का घोल डालें बाद में सोडियम बाइसल्फेट डालें तथा धोएँ।
सूखा
सौलवेन्ट साबुन से धोएँ।
13.
करी (ग्रीस एवं हल्दी)

पानी एवं साबुन के साथ धोएँ।
धूप एवं हवा में विरंजन करें।
जैवेल वॉटर से विरंजन करें।
14.
मोम
ठोस
जितना संभव हो उतना बिना धार वाले चाकू से खुरच कर निकालें।
दाग पर ब्लॉटिग पेपर रखकर गर्म इस्त्री से दबाए। बेन्जीन से धोएँ।
15.
फल
ताजा
स्टार्च के घोल को दाग पर लगाकर 1 घण्टे के लिए छोड़ दें। स्टार्च को रगड़ कर हटा दें एवं दाग पर गर्म पानी डालें।
सूखा
नमक अथवा बॉरेक्स पाउडर दाग पर फैलाकर उस पर गर्म पानी डालें। प्रक्रिया को दाग के हटने तक दोहराएँ।
जैवेल वॉटर से विरंजन करें।
16.
घास

मिथाइलेटेड स्प्रिट में भिगोएँ।
साबुन व पानी से धोएँ।
17.
ग्रीस तेल एवं घी
ताजा
साबुन व गर्म पानी से धोएँ।
सूखा
चिकनाई हटाने वाले घुलनशील घोलों का प्रयोग करके साबुन व गर्म पानी से धोएँ।
18.
हल्दी

करी के दाग हटाने की विधियों का प्रयोग करें।
19.
मेंहदी

गर्म दूध में आधे घंटे तक भिगोकर रखें तथा साबुन से धोएँ।

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